महिला ब्लोगरों की बात की जाए तो पूर्णिमा वर्मन, प्रत्यक्षा सिन्हा, सारिका सक्सेना ,नीलिमा, रचना बजाज, सुजाता, निधि श्रीवास्तव, दीना मेहता , रत्ना की रसॊई ,मानोषी चटर्जी , रचना जैसी कई बेहतरीन महिला ब्लॉगर शुरुआती दौर में सक्रिय थीं।इसके अलावा डा० कविता वाचक्नवी भी शुरुआती दौर से ही सक्रिय हैं हिंदी ब्लॉगिंग में । ये सभी वर्ष-२००७ से पूर्व सर्वाधिक सक्रिय महिला ब्लोगर थीं,जबकि बरिष्ठ ब्लोगर रवि रतलामी का मानना है कि "हिन्दी की पहली महिला ब्लॉगर - इन्दौर की पद्मजा थी - जिनके ब्लॉग का नाम था - कही अनकही. यह ब्लॉग अब उपलब्ध नहीं है. शायद पद्मजा ने इसे मिटा दिया है. फिर भी इसे इंटरनेट आर्काइव पर यहाँ - http://web.archive.org/web/*/http://padmaja.blogspot.com/ देख सकते हैं ।

ज्यादातर महिलायें वर्ष-२००७ या वर्ष-२००७ के बाद आयीं हैं और बड़ी सक्रियता से हर क्षेत्र की, हर विषय की बातें पुरसुकून ढंग से कह रही हैं,टिप्पणियों के माध्यम से गर्मागर्म बहसों में भी गंभीरता से हिस्सा ले रही हैं. हालांकि इनकी संख्या पुरुष ब्लॉगरों की तुलना में कम है, मगर जो भी हैं, वे सभी सार्थक ब्लॉगिंग कर रही हैं. आमतौर पर महिला ब्लॉगरों के लेखन में वेबजनित-कूड़ा-कचरा कम ही नजर आता है। ऐसा उनका मानना है ।


प्रांभिक दौर की सशक्त महिला ब्लोगर और मशहूर कवियित्री डा० कविता वाचक्नवी का कहना है कि- " याहू की बंद हो चुकी ब्लॉग सर्विस (याहू ३६० ब्लॉग सेवा ) में मैं सबसे पहले शामिल हुई । सन २००६ के उत्तर मध्य से मेरा `अथ' नाम का वहाँ ब्लॉग था. और भी बहुत लोगों के थे, पूर्णिमा वर्मन जी, प्रोफ़ेसर ऋषभदेव शर्मा जी, रामायण संदर्शन नाम से हमारे ही द्वारा संचालित एक और.... आदि ढेरों ब्लॉग थे. उन दिनों अक्षरग्राम की सेवा हुआ करती थी और सभी लोग उस पर अपनी चर्चाएँ व शंकाएँ, संसाधनों की जानकारी आदि से जुड़े मुद्दों पर संवाद आदि किया करते थे.... यह हमारे ब्लॉग उन दिनों की बात हैं. याहू ने २००७ के अंत में अपनी उस सेवा (याहू ३६० ब्लॉग सेवा ) को बंद करने की घोषणा कर दी थी, और २००८ में उसे बंद कर दिया था. तभी याहू मेष भी आया था. उस पर भी हमने अपना ब्लॉग कुछ समय संचालित किया था. पश्च्चात उस सेवा के भी बंद हो जाने के उपरांत ब्लॉग को स्पेसेज़ लाईव (माईक्रोसोफ्ट की ब्लॉग सर्विस) पर अपना ब्लॉग स्थानांतरित किया (KVACHAKNAVEE.SPACES.LIVE.COM ) पर अभी भी यह ज़िंदा है...!"

वर्ष-२००७ और उसके बाद सक्रिय महिला चिट्ठाकारों में -

हिंदी की प्रमुख महिला ब्लोगर स्वप्न मंजूषा अदा का मानना है कि -"यूँ तो महिलायें सामजिक, आर्थिक, राजनैतिक, हास्य-व्यंग इत्यादि सभी विषयों पर लिखती हैं...कहानी, कविता, ग़ज़ल, उपन्यास इत्यादि विधाओं में भी इनका योगदान ब्लॉग पर है...और ये अपनी नारीगत समस्याएं या उपलब्धिओं पर भी लिखने में कोई कोताही नहीं करतीं ...!"


अंतरजाल की लोकप्रिय कवियित्री रश्मि प्रभा का मानना है कि -"आपको हर विषय पर प्रविष्ठियां मिल जायेंगी नारियों के ब्लॉग पर ,किन्तु महिला ब्लोगरों के लेखन में साहित्यिक झुकाव ज्यादा नजर आता है और पारिवारिक, घरेलू तथा सामाजिक समस्याओं, स्त्री संबंधी समस्याओं पर हमारा लेखन ज्यादा केंद्रित होता है, राजनीतिक, व्यावसायिक मुद्दे पर कम । इसका सबसे बड़ा कारण है कि महिलायें सद्भावानात्मक और सकारात्मक चिंतन को ज्यादा महत्व देती हैं , क्योंकि यही उनकी प्रकृति का सबसे अहम् हिस्सा होता है ...!"

इस विषय पर हिंदी की प्रखर महिला ब्लोगर रश्मि रविजा का मानना है, कि "ब्लोगिंग में महिलाओं को कोई परेशानी का सामना तो नहीं करना पड़ता...पर उन्हें उतनी गंभीरता से नहीं लिया जाता...जगह बनाने में जरा समय लगता है.परज्यादा दिन उनका लिखा लोग नज़रंदाज़ नहीं कर पाते महिलायें आजकल हर विषय पर लिख रही हैं समसामयिक विषयों पर बड़ी गंभीरता से लिख रही हैं...कोई भी विषय अछूता नहीं है...!


वहीं एक और चर्चित महिला ब्लोगर आकांक्षा यादव का मानना है कि- "ब्लॉगिंग के क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति बड़ी मजबूत है, वे तमाम विषयों पर अपनी रूचि के हिसाब से लिख रही हैं. तमाम महिला ब्लागर्स तो इससे परे प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में भी सक्रिय हैं. पर ब्लाग का एक सबसे बड़ा फायदा है कि यहाँ कोई सेंसर नहीं है, ऐसे में आपको जो चीज अपील करे उस पर स्वतंत्रता से विचार प्रकट सकती हैं. इस क्षेत्र में महिलाओं का भविष्य उज्जवल है, क्योंकि यहाँ कोई रूढिगत बाधाएं नहीं हैं....!"



वहीं हिंदी सशक्त लेखिका और ब्लोगर निर्मला कपिला मानती हैं कि -"यह सही है कि साधन और सूचना की न्यूनता के कारण ब्लोगिंग के प्रारंभिक चरण में महिलायें ज्यादा सक्रिय नहीं थी , किन्तु आज के दौर में महिलायें हिंदी ब्लोगिंग को नयी दिशा देने की ओर उन्मुख है और यह हमारे लिए कम संतोष की बात नहीं है !"




वहीं संगीता पुरी का अपने बारे में कहना है कि- "'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष'की खोज के बाद ज्‍योतिष के रूप में ग्रहों के प्रभाव को दर्शाने की पुरानी विधा के वैज्ञानिक स्‍वरूप से लोगों का परिचय कराने के लिए ब्‍लॉगिंग कर रही हूं .. मैं बालेन्दु दधिची जी के कादंबनी में प्रकाशित आलेख से प्रभावित होकर वर्ष -२००७ के उत्तराद्ध में वार्ड प्रेस पर आई और आजतक पूरी दृढ़ता के साथ सक्रिय हूँ ...!" उल्लेखनीय है कि कादंबनी में प्रकाशित बालेन्दु दधिची के आलेख 'ब्लॉग बने तो बात बने' से प्रेरित होकर ही शशि सिंघल ने भी अपना ब्लॉग बनाया था । एक और प्रमुख महिला चिट्ठाकारा रचना मई २००७ से ब्लॉग पर लिख रही हैं और २००८ से नारी ब्लॉग जो पहला ब्लॉग समूह हैं जहां नारियां अपनी बात कहती हैं को सक्रिय रूप से चला रही हैं ।

किरण राजपुरोहित नितिला का मानना है कि -"महिलाओ के हर विषय में ब्लॉग मोजूद है. उनकी विविधतता में भी रोज बढ़ोतरी हो रही है...!" लखनऊ की रिचा कहती हैं कि -"वैसे आजतक तो कभी किसी का ब्लॉग ये सोच के नहीं पढ़ा की ब्लॉगर महिला है या पुरुष... जो भी अच्छा लगा बस पढ़ लिया...!"

वर्तमान समय में घुघूती बासूती, प्रत्यक्षा , नीलिमा, बेजी, संगीता पुरी, लवली, पल्लवी त्रिवेदी, अदा, सीमा गुप्ता, निशामधुलिका, लावण्या, कविता वाचक्नवी, अनीता कुमार, pratibhaa, mamta, रंजना [रंजू भाटिया ], Geetika gupta, वर्षा, डॉ मंजुलता सिंह, डा.मीना अग्रवाल,Richa,neelima sukhija arora, फ़िरदौस ख़ान, Padma Srivastava, neelima garg, Manvinder, MAYA, रेखा श्रीवास्तव, स्वप्नदर्शी, KAVITA RAWAT, सुनीता शानू , शायदा, Gyaana-Alka Madhusoodan Patel, rashmi ravija, अनुजा, अराधना चतुर्वेदी मुक्ति ,तृप्ति इन्द्रनील , सुमन मीत , साधना वैद , सुमन जिंदल, Akanksha Yadav ~ आकांक्षा यादव, उन्मुक्ति, मीनाक्षी, आर. अनुराधा, रश्मि प्रभा, संगीता स्वरुप, सुशीला पुरी, मीनू खरे,नीलम प्रभा , शमा कश्यप, अलका सर्वत मिश्र, मनीषा, रजिया राज, शेफाली पाण्डेय, शीखा वार्ष्णेय, अनामिका, अपनत्व, रानी विशाल, निर्मला कपिला, प्रिया,संध्या गुप्ता, वन्दना गुप्ता , रानी नायर मल्होत्रा, सारिका सक्सेना, पूनम अग्रवाल , उत्तमा, Meenakshi Kandwal, वन्दना अवस्थी दुबे, Deepa, रचना, Dr. Smt. ajit gupta, रंजना, गरिमा, मोनिका गुप्ता, दीपिका कुमारी, शोभना चौरे, अल्पना वर्मा, निर्मला कपिला, वाणीगीत, विनीता यशश्वी, भारती मयंक, महक, उर्मी चक्रवर्ती बबली , सेहर, शेफ़ाली पांडे, प्रेमलता पांडे, पूजा उपाध्याय,कंचन सिंह चौहान, संध्या गुप्ता , सोनल रस्तोगी, हरकीरत हीर, कविता किरण , अर्चना चाव , जेन्नी शबनम , ZEAL, वन्दना , mala , ρяєєтι , Asha , Neelima , डॉ. नूतन - नीति , सुधा भार्गव, Vandana ! ! ! , Dorothy , पारुल , किरण राजपुरोहित नितिला , नीलम , ज्योत्स्ना पाण्डेय जैसी महिला ब्लागर्स नितांत सक्रिय हैं और अपने अपने क्षेत्र मे बहुत अच्छा लिख रही हैं ।

चिट्ठाचर्चा पर चर्चा करने वाली ब्लॉग जगत की प्रमुख महिला चर्चाकारों में सुश्री नीलिमा, सुजाता, डा0 कविता वाचकनवी और संगीता स्वरुप गीत हैं जिनके द्वारा निरंतरता के साथ विगत २-३-४ वर्षों से पूरी तन्मयता के साथ चिट्ठा चर्चा की जा रही है । इसके अलावा एक और महिला चर्चाकार हैं वन्दना जिनके द्वारा चर्चा मंच पर लगातार अच्छे -अच्छे चिट्ठों से परिचय कराया जा रहा है । इन सभी महिलाओं ने हिंदी ब्लोगिंग में उल्लेखनीय योगदान दिया है ।

.......अभी जारी है

27 टिप्पणियाँ:

  1. रवीन्‍द्र जी, बड़ा अच्‍छा शोधपरक आलेख है। कई नए नामों से परिचय हुआ। आपका आभार।

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  2. बहुत शोध किया गया है ....इस लेख की बाकी कड़ियाँ भी पहले नहीं पढ़ीं ...अब पढूंगी ..विस्तार से ...आभार

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  3. ये बढ़िया रहा..सबके विचार भी जान लिए. आपका आभार.

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  4. ब्लॉग परिक्रमा को प्रारंभ में ही आपने मिल का पत्थर बना दिया, शायद यही गुण आपको हिंदी ब्लॉगजगत में अग्रणी बनाए हुए है , आपका आभार महिलाओं को ब्लोगिंग की मुख्यधारा से जोड़कर प्रस्तुत करने के लिए !

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  5. आपके इस शोध में मैं अपने आप को पाकर धन्य हुयी, आपका आभार !

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  6. बड़ा अच्‍छा शोधपरक आलेख है...आभार।

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  7. कहा जाता है कि कोई भी काम यदि मनोयोग से किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है, आपने सिद्ध कर दिया.....अच्छा लगा यह आलेख भी !

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  8. सचमुच शोधपरक है यह आलेख, पूर्ववर्ती महिला चिट्ठाकारों को पढ़कर सुखद लगा !

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  9. यह जानकर बहुत अच्छा लगा कि ब्लॉग जगत में भी महिलाएं बेहतर काम कर रही हैं...

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  10. धन्यवाद् एक ज्ञानवर्धक पोस्ट के लिए

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  11. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  12. आपका श्रम और हमारे लिये जानकारी का खजाना।

    सभी सरस्वती-पुत्रीयों को हमारी बधाई!!

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  13. ब्‍लॉग जगत पर आपके द्वारा किए जानेवाले शोध से हमेशा ही अच्‍छे अच्‍छे चिट्ठाकारों के बारे में जानकारी मिलती है .. इस बार भी कई नए लोग मिलें .. इस शोध में अपने आप को देखकर अच्‍छा लगता है .. आपका आभार !!

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  14. सारिका सक्सेना http://ankahibaaten.blogspot.com/
    नीलिमा http://vadsamvad.blogspot.com/,
    रचना बजाज http://rachanabajaj.wordpress.com
    सुजाता http://bakalamkhud.blogspot.com/
    निधि श्रीवास्तव http://abhivyakta.wordpress.com/
    रत्ना की रसॊई http://soniratna.wordpress.com/
    जैसी कई बेहतरीन महिला ब्लॉगर शुरुआती दौर में सक्रिय थीं।

    इसके अलावा कविता वाचक्नवी जी शुरुआती दौर से ही सक्रिय हैं ब्लॉगिंग में।

    यह सब छूट गया मालिक आपसे! तनिक देखा जाये।

    ये तुरंत याद आ रहे नाम हैं। और जानकारी के लिये अक्षरग्राम या चिट्ठाचर्चा देखिये अगर मन करे। :)

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  15. श्रद्धेय अनूप जी,
    आपके निर्देशानुसार समस्त नाम आलेख से जोड़ दिए गए हैं, सुझाव के लिए आपका आभार !

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  16. कई नये नाम और ब्लॉग से परिचय हुआ आपके इस आलेख से आभार

    regards

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  17. बढ़िया

    लेकिन जब आप लिखते हैं कि रचना मई २००७ से ब्लॉग पर लिख रही हैं
    और उनका प्रोफ़ाईल लिंक दिखाता है कि ब्लॉगर पर अगस्त २०१० से हैं
    तो सोचना पड़ता है कि क्या कितना सही है?

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  18. पाबला जी,
    यह सूचना स्वयं रचना जी के द्वारा ही दिया गया है , पहले उनके द्वारा यह बताया गया कि "रचना मई २००७ से ब्लॉग पर लिख रही हैं और २००८ से नारी ब्लॉग जो पहला ब्लॉग समूह हैं जहां नारियां अपनी बात कहती हैं को सक्रियाए रूप से चला रही हैं । क्युकी मेरा ज़िक्र आप ने आज तक कहीं नहीं किया सोचा आप को सूचित करदूं कि मै भी एक ब्लॉगर हूँ और काफी समय से हिंदी मै ब्लोगिंग कर रही हूँ ।" बाद में इनके द्वारा एक ब्लॉग का लिंक दिया गया जिसमें २००६ में पहली पोस्ट लिखी गयी है लिंक है-http://mypoemsmyemotions.blogspot.com/2006/10/doo-pahlu.html
    since 2006 in hind ब्लोगिंग
    अब आप बताईये पावला जी जब लोगों को स्वयं नहीं पता कि वि कब से हिंदी ब्लोगिंग में है तो हम आप पूरे दावे के साथ कैसे बता सकते हैं ?

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  19. बिल्कुल सही, रवीन्द्र जी

    ऐसे ही विरोधाभासों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता था

    वैसे आपका प्रयास सराहनीय है, जारी रखिए

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  20. ब्लागिंग में महिलाओं की दशा और दिशा पर बहुत सारगर्भित पोस्ट. काफी कुछ जानने और सीखने का मौका मिला.

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