........गतांक से आगे
आज मैं ऐसे कुछ प्रारंभिक और चर्चित ब्लोगरों से आपको मिलवाने जा रहा हूँ , जो याहू पर अथवा अन्य समूह पर तो पूर्व से जुड़े हुए थे किन्तु गूगल की ब्लोगर सेवा अथवा अन्य सेवा पर बाद में सक्रिय हुए , यानी कि किसी न किसी रूप में जिनके वर्ष अथवा अन्य जानकारियों में विरोधाभास की स्थिति है , किन्तु उनके योगदान को यह हिंदी ब्लॉगजगत कभी नहीं भुला सकता .....!
भारतीय नागरिक - Indian Citizen (वर्ष -२००५ )
आज मैं ऐसे कुछ प्रारंभिक और चर्चित ब्लोगरों से आपको मिलवाने जा रहा हूँ , जो याहू पर अथवा अन्य समूह पर तो पूर्व से जुड़े हुए थे किन्तु गूगल की ब्लोगर सेवा अथवा अन्य सेवा पर बाद में सक्रिय हुए , यानी कि किसी न किसी रूप में जिनके वर्ष अथवा अन्य जानकारियों में विरोधाभास की स्थिति है , किन्तु उनके योगदान को यह हिंदी ब्लॉगजगत कभी नहीं भुला सकता .....!
भारतीय नागरिक - Indian Citizen (वर्ष -२००५ )
इनका पहला ब्लाग था naagrik.blogspot.com जिस पर पहली पोस्ट एक मई, २००५ पर लिखी गयी थी। बाद में इन्होने incitizen.blogspot.com पर लिखना प्रारम्भ किया। गूगल द्वारा मालवेयर पाने पर इसे ब्लाक करने के कारण इन्होने इसे indzen.blogspot.com पर शिफ्ट कर दिया है.
पी एस पावला (वर्ष -२००५ )
पी एस पावला (वर्ष -२००५ )
इनका प्रमुख ब्लॉग है :
http://bspabla.blogspot.com/
इनकी पहली पोस्ट प्रकाशित हुई थी वर्ष 2005 के सितम्बर माह में । केवल एक पोस्ट के बाद इस वर्ष कोई दूसरा पोस्ट नहीं आया । इन्हें कुछ पता नहीं था, ब्लॉग क्या होता है, इसकी उपयोगिता क्या है, कैसे लिखा जाए। सीखते सीखते आगे बढे । उस समय यूनीकोड से भी परिचय नहीं था, तो विभिन्न अक्षरों में लिखे का snapshot लेकर यहीं चित्र के रूप में चिपका कर खुश हो लेते थे । लगभग डेढ़ वर्ष में ही खुमार उतर गया क्योंकि स्वभाववश: इतनी ज़ल्दी-ज़ल्दी पोस्ट प्रकाशित करता था कि गूगल बाबा ने परेशान होकर तीन बार इन्हें स्पैमर मानते हुए चेतावनी दे डाली और खाता बंद करने की धमकी भी दे डाली। उनका एक प्रारंभिक ब्लॉग यह भी है जिसमें यह उल्लिखित है कि इन्होनें ब्लॉग लेखन का कार्य वर्ष-२००५ में शुरू किया, किन्तु इसमें कहीं भी हिंदी का प्रयोग नहीं है .....
http://web.archive.org/web/20061104141743/www.blogger.com/
परिचय : भिलाई इस्पात सयंत्र में कार्यरत ।
डा कविता बाचक्नवी (वर्ष -२००५ )
http://bspabla.blogspot.com/
इनकी पहली पोस्ट प्रकाशित हुई थी वर्ष 2005 के सितम्बर माह में । केवल एक पोस्ट के बाद इस वर्ष कोई दूसरा पोस्ट नहीं आया । इन्हें कुछ पता नहीं था, ब्लॉग क्या होता है, इसकी उपयोगिता क्या है, कैसे लिखा जाए। सीखते सीखते आगे बढे । उस समय यूनीकोड से भी परिचय नहीं था, तो विभिन्न अक्षरों में लिखे का snapshot लेकर यहीं चित्र के रूप में चिपका कर खुश हो लेते थे । लगभग डेढ़ वर्ष में ही खुमार उतर गया क्योंकि स्वभाववश: इतनी ज़ल्दी-ज़ल्दी पोस्ट प्रकाशित करता था कि गूगल बाबा ने परेशान होकर तीन बार इन्हें स्पैमर मानते हुए चेतावनी दे डाली और खाता बंद करने की धमकी भी दे डाली। उनका एक प्रारंभिक ब्लॉग यह भी है जिसमें यह उल्लिखित है कि इन्होनें ब्लॉग लेखन का कार्य वर्ष-२००५ में शुरू किया, किन्तु इसमें कहीं भी हिंदी का प्रयोग नहीं है .....
http://web.archive.org/web/20061104141743/www.blogger.com/
परिचय : भिलाई इस्पात सयंत्र में कार्यरत ।
डा कविता बाचक्नवी (वर्ष -२००५ )
इनका प्रारंभिक ब्लॉग है :
याहू की बंद हो चुकी ब्लॉग सर्विस (याहू ३६० ब्लॉग सेवा ) में ये सबसे पहले शामिल हुई । सन २००६ के उत्तर मध्य से इनका `अथ' नाम का वहाँ ब्लॉग था ...याहू ने २००७ के अंत में अपनी उस सेवा (याहू ३६० ब्लॉग सेवा ) को बंद करने की घोषणा कर दी थी, तभी याहू मेष भी आया था. उस पर भी इन्होनें अपना ब्लॉग कुछ समय संचालित किया था. पश्च्चात उस सेवा के भी बंद हो जाने के उपरांत ब्लॉग को स्पेसेज़ लाईव (माईक्रोसोफ्ट की ब्लॉग सर्विस) पर अपना ब्लॉग स्थानांतरित किया (KVACHAKNAVEE.SPACES.LIVE.COM ) पर अभी भी यह ज़िंदा है...!"
श्री समीर लाल 'समीर' (वर्ष -२००५ -२००६ )
श्री समीर लाल 'समीर' (वर्ष -२००५ -२००६ )
इनका प्रमुख ब्लॉग है :
http://udantashtari.blogspot.com/
परिचय : ये हिंदी चिट्ठाजगत के सर्वाधिक समर्पित,लोकप्रिय और सक्रिय हस्ताक्षर हैं । नए चिट्ठाकारों के लिए प्रेरणास्त्रोत श्री समीर लाल जी की लोकप्रियता का पैमाना यह है कि हर नया चिट्ठाकार इन्हें अपनी प्रेरणा का प्रकाश पुंज महसूस करता है। ब्लोगोत्सव-२०१० के दौरान साक्षात्कार में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में इन्होनें कहा है कि - इन्होनें ब्लॉग लेखन मार्च २००६ से शुरु किया, किन्तु शुरूआती दौर में ये हिन्दी में कुछ कविताएँ लिखने का प्रयास किया करते थे और याहू पर ईकविता ग्रुप से २००५ में जुड़े । वहाँ हिन्दी कविता वालों का जमावड़ा था और वहीं से हिन्दी ब्लॉग के बारे में इन्हें जानकारी हुई , जब मार्च २००६ में अपना ब्लॉग बनाया । ये पेशे से कनाडा में चार्टड एकाउन्टेन्ट के पद पर कार्यरत हैं । परिवार में पत्नी साधना के अलावा पुत्र अनुपम और अनुभव, दोनों कम्प्यूटर ईंजिनियर हैं ।
शास्त्री जे सी फिलिप (वर्ष -२००४ -२००५ )
इनका प्रमुख ब्लॉग है :
http://sarathi.info/
इनका स्वयं का यह कहना है कि (ब्लोगोत्सव-२०१० के दौरान साक्षात्कार में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में ) जब ये पांचवीं कक्षा में पढ़ते थे तब से ब्लोगिंग कर रहे हैं , अब ऐसे में इनके प्रमुख ब्लॉग के वर्ष को ही आधार मानकर चला जा रहा है ।
http://udantashtari.blogspot.com/
परिचय : ये हिंदी चिट्ठाजगत के सर्वाधिक समर्पित,लोकप्रिय और सक्रिय हस्ताक्षर हैं । नए चिट्ठाकारों के लिए प्रेरणास्त्रोत श्री समीर लाल जी की लोकप्रियता का पैमाना यह है कि हर नया चिट्ठाकार इन्हें अपनी प्रेरणा का प्रकाश पुंज महसूस करता है। ब्लोगोत्सव-२०१० के दौरान साक्षात्कार में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में इन्होनें कहा है कि - इन्होनें ब्लॉग लेखन मार्च २००६ से शुरु किया, किन्तु शुरूआती दौर में ये हिन्दी में कुछ कविताएँ लिखने का प्रयास किया करते थे और याहू पर ईकविता ग्रुप से २००५ में जुड़े । वहाँ हिन्दी कविता वालों का जमावड़ा था और वहीं से हिन्दी ब्लॉग के बारे में इन्हें जानकारी हुई , जब मार्च २००६ में अपना ब्लॉग बनाया । ये पेशे से कनाडा में चार्टड एकाउन्टेन्ट के पद पर कार्यरत हैं । परिवार में पत्नी साधना के अलावा पुत्र अनुपम और अनुभव, दोनों कम्प्यूटर ईंजिनियर हैं ।
शास्त्री जे सी फिलिप (वर्ष -२००४ -२००५ )
इनका प्रमुख ब्लॉग है :
http://sarathi.info/
इनका स्वयं का यह कहना है कि (ब्लोगोत्सव-२०१० के दौरान साक्षात्कार में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में ) जब ये पांचवीं कक्षा में पढ़ते थे तब से ब्लोगिंग कर रहे हैं , अब ऐसे में इनके प्रमुख ब्लॉग के वर्ष को ही आधार मानकर चला जा रहा है ।
परिचय : शास्त्री जे सी फिलिप एक समर्पित लेखक, अनुसंधानकर्ता, एवं हिन्दी-सेवी हैं. उन्होंने भौतिकी, देशीय औषधिशास्त्र, और ईसा के दर्शन शास्त्र में अलग अलग विश्व्वविद्यालयो से डाक्टरेट किया है. आजकल वे पुरातत्व के वैज्ञानिक पहलुओं पर अपने अगले डाक्टरेट के लिये गहन अनुसंधान कर रहे हैं.शास्त्रीजी का बचपन मध्य प्रदेश के ग्वालियर मे बीता था, जहां उन्होंने कई स्वतंत्रता सेनानियों से शिक्षा एवं प्रेरणा पाई थी. इस कारण उन्होंने अपने जीवन में राजभाषा हिन्दी की साधना और सेवा करने का प्रण बचपन में ही कर लिया था।
इनका प्रारंभिक ब्लॉग है :
http://mypoemsmyemotions.blogspot.com/2006/10/doo-pahlu.html
http://mypoemsmyemotions.blogspot.com/2006/10/doo-pahlu.html
रचना जी के द्वारा टिप्पणी के माध्यम से पहले यह बताया गया कि "वे मई २००७ से ब्लॉग पर लिख रही हैं और २००८ से नारी ब्लॉग जो पहला ब्लॉग समूह हैं जहां नारियां अपनी बात कहती हैं को सक्रिय रूप से चला रही हैं । "
बाद में इनके द्वारा एक ब्लॉग का लिंक दिया गया जिसमें २००६ में पहली पोस्ट लिखी गयी है ! जब उन्हें स्वयं नहीं पता कि वि कब से हिंदी ब्लोगिंग में है तो हम आप पूरे दावे के साथ कैसे बता सकते हैं ? इस सन्दर्भ में पावला जी कि टिप्पणी आई है कि " आप लिखते हैं कि रचना मई २००७ से ब्लॉग पर लिख रही हैं और उनका प्रोफ़ाईल लिंक दिखाता है कि ब्लॉगर पर अगस्त २०१० से हैं तो सोचना पड़ता है कि क्या कितना सही है? "
अब ये स्वयं बताएं कि इनके किस वर्ष को प्रमाणिक माना जाएँ ?
.........अभी जारी है
गूगल ने ये सुविधा प्रदान कर रखी हैं कि आप अपने किसी भी प्रोफाइल से किसी भी प्रोफाइल पर अपना कोई भी ब्लॉग कभी भी इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कर सकते हैं । ये तकनीक हैं इसमे प्रोफाइल पर दी हुई तारीख से पोस्ट पर दी हुई तारीख का क्या लेना देना हैं । और दूसरी बात अब गूगल मे ऐसी सुविधा हैं कि आप अपनी कोई भी पोस्ट किसी भी पूर्व कि तारीख पर पोस्ट कर सकते हैं । इस के अलावा कौन क्या हैं इस को जानने से बेहतर हैं कि हम ये देखे कि उसने क्या लिखा हैं । जब लिखना शुरू किया था उस प्रोफाइल को अब केवल अपने व्यवसाय से जुड़ी बातो के लिये किया हैं । प्रोफाइल बनाना और मिटना क्राईम नहीं हैं हाँ कुछ लोग आपत्ति को विरोध समझते हैं और कुछ और उसको विवाद भी कहते हैं । आप अगर इतिहास दर्ज कर रहे हैं तो ये जान ले ब्लोगिंग तकनीक आधारित खेल हैं और इसमे जो कुछ लिखा हैं वो मिटाया भी जाता हैं क्युकी कम से मुझे अपने बारे मे ऐसा गुमान नहीं हैं कि मैने कोई काल जाई कृति बना दी हां कुछ लोगो को दूसरे लोगो के प्रोफाइल के अन्दर उनके घर के चित्र फ़ोन नुम्बर खोजने का मर्ज हैं और वो ला इलाज हैं । आप कि पोस्ट पर आना चाहती थी और आ कर दिखा दिया चाहे कैसे भी आयी । आप इग्नोर कर सकते थे और निरंतर कर रहे थे सो इस ज़माने मे अपनी बात दुसरो तक पहुंचे ब्लॉग / कमेन्ट को यही माध्यम मानती हूँ
जवाब देंहटाएंसादर
रचना
वे मई २००७ से ब्लॉग पर लिख रही हैं
जवाब देंहटाएंkavita kaa blog pehlae banaa thaa aur kavita ko mae bloging nahin maantee par aapke darj "itihaas" mae haen yae bhi so sochaa link dae dun
ab daekhna haen auro kaa kyaa vktavya aataa haen
रचना जी,
जवाब देंहटाएंआप स्वयं अपने बयान की पुष्टि कर रही हैं की गूगल की सुविधा के अनुसार कोई भी पोस्ट किसी भी किसी भी तिथि में डाली जा सकती है , तो ऐसे में आपकी ब्लॉग पर सक्रियता का वर्ष क्या माना जाए ?
आप मेरी बातों को अन्यथा न लें, ऐसा करने से हम प्रमाणिक तथ्य प्रस्तुत करने में सफल होंगे !
रविन्द्र जी , जय हिंद
जवाब देंहटाएंआप ने अच्छी शुरुआत की है , इस से और लोगों को ज्ञानवर्धक जानकारी मिलेगी तथा उत्साह भी बढेगा
dabirnews.blogspot.com
अच्छी जानकारी है...
जवाब देंहटाएंमेरे समझ से पावला जी, भारतीय नागरिक, कविता जी और समीर जी का वर्ष-२००५ ही माना जाए , क्योंकि किसी न किसी रूप में ये वर्ष-२००५ से सक्रिय दिखाई दे रहे हैं , मगर शास्त्री जी के वर्ष को यदि पांचवीं कक्षा से जोड़ कर देखा जाए तो वर्ष का अनुमान लगाना काफी मुश्किल होगा, ऐसे में उन्हें स्वयं यह स्पष्ट करना श्रेस्कर होगा ऐसा मेरा मानना है ......भाई मैं नया ब्लोगर हूँ इसलिए जो अच्छा लगा बोल दिया, कुछ गलत बोल दिया हूँ तो माफ़ी चाहूंगा !
जवाब देंहटाएंरवीन्द्र प्रभात जी ये आभासी दुनिया हैं और यहाँ आप प्रमाण खोज रहे हैं
जवाब देंहटाएंतकनीक का खेल हैं गूगल की ज़मीन पर ना ज़मीन अपनी हैं ना तकनीक केवल विचार हैं जो अपने हैं किसी ने लिखे किसी नए मिटाए । कोई आज सक्रिए हैं कोई कल था और और कोई कल होगा । सक्रियता कितनी हैं किसी की और कितनी पोस्ट महीने मे आती हैं k
निराधार मे आधार खोजना
मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हैं
आप सीधा सीधा ये कहदे कि मै अपनी पसंद का चयन कर रहा हूँ आप अपने चयन को पूरे ब्लॉग जगत पर क्यूँ डाल रहे हैं .
हम कुछ भी करे उसमे सचाई हो हर काम का अपना महत्व हैं लेकिन ये कहना कि ये हैं ब्लॉग जगत के प्रारंभिक ब्लॉगर या हैं हैं ब्लॉग जगत के कर्ण धार या ये इनकी वजह से हिंदी ब्लोगिंग ब्लोगिंग हैं सब मिथिया भ्रम हैं ।
आप के हिसाब से कोई सामूहिक चिटठा आप को पसंद हैं तो कोई नहीं क्युकी हर विषय तो आप को पसंद नहीं हो सकता । और अगर आप रिसर्च कर रहे हैं तो पहले मानक तैयार कर ले फिर उन पर कौन पूरा उतरता हैं ये देखे ।
मेरा मकसद यहाँ होना नहीं हैं मेरा मकसद हैं आप को ये बताना की "सब अपना इतिहास और अपनी पसंद का इतिहास लिखते हैं " आप भी वही कर रहे हैं पर आप इसको हिंदी ब्लॉग जगत का इतिहास कह रहे हैं और क्युकी इस मै आप के पास कोई मानक ही नहीं हैं तो ये इतिहास दर्ज नहीं होसकता
अभी तो ये भी देखना चाहिये की ब्लॉगर और वेब साईट मै जो अंतर हैं क्या वो भी मुखर हो कर आया हैं । कुछ लोग व्यवसाय की तरह वेबसाइट बना रहे हैं उनको ब्लॉग कहना कितना सही हैं और कितना गलत
सादर
रचना
रचना जी,
जवाब देंहटाएंआपके इस बयान से पावला जी की टिपण्णी की पुष्टि हो रही है कि आपकी प्रोफाईल और बयान दोनों में भ्रम की स्थिति है, आप बातों को घुमा-फिराकर क्यों कह रही है जो सच है उसे स्वकार करने में आपको कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए .....इस पोस्ट को पढ़ने के बाद केवल आप ही आक्रोशित हो रही हैं ....इसमें पावला जी, शास्त्री जी, समीर जी और कविता जी से भी मैंने पूछा है कि उनकी सक्रियता का वर्ष क्या माना जाए ? वे तो आक्रोशित टिपण्णी नहीं कर रहे हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि उनका नज़रिया सहयोगात्मक है !
"रवीन्द्र प्रभात जी ये आभासी दुनिया हैं और यहाँ आप प्रमाण खोज रहे हैं "
जवाब देंहटाएंऐसा कहना है रचना जी का और यह कहकर वे स्वयं दूसरों की प्रमाणिकता का मजाक उड़ा रही हैं ....अरे आप सच न बोलो मगर दूसरों को झूठा कम से कम साबित भी न करो ....!
विल्कुल सच्ची बात कही है माला जी, यदि आप सच न बोलो तो दूसरों को कम से कम झूठा साबित करने की कोशिश न करो ....रचना जी को चाहिए की एक शब्द में यह कह दें की वे अमुक वर्ष से ब्लोगिंग में सक्रीय हैं और यही सच है ! ज्यादा बात करने से व्यक्ति की कमी स्वत: परिलक्षित होने लगती है !
जवाब देंहटाएंयदि मेरे इस कमेंट को किसी पर व्यक्गित आक्षेप न माना जाए तो मैं अपने जीवन के छोटे से अनुभव के आधार पर कहना चाहूँगा कि समझदार और ईमानदार व्यक्ति हमेशा एक सी बात करते हैं।
जवाब देंहटाएंआप सभी से मेरा विनम्र निवेदन है कि आपस में मनभिन्नता की स्थिति न आने दें और ऐसी कोई भी बातें न हो जिससे किसी की भावना आहत हों, तुलसी का पत्ता क्या बड़ा क्या छोटा ?
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी है .
जवाब देंहटाएंवाह रविन्द्र प्रभात जी क्या बात है तुलसी का पत्ता क्या छोटा क्या बड़ा........अगर हमसब मिलकर ऐसी सोच बना लें और भावना से तुलसी के पत्ते के रूप में एकजुट होकर ब्लोगिंग करें तो इस देश की सभी बीमारी (भ्रष्टाचार,सरकारी खजाने की लूट,न्याय में ताकत और पैसे का दबदबा ,इत्यादि ) को एक साल के अन्दर दूर कर सकतें हैं..कास ऐसा हो पता.
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंmala aur purnima jaese profile aur blog dono is blogutasav ki kehani khud keh rahey haen
जवाब देंहटाएंjaraa link khol daekh lae sab in dono profile par kyaa likhaa haen
badaa puranaa tarika haen maere kament kae khilaaf mahila naam sae kament karvaanae aur karnae kaa
yae samjhdaar vykatiyon kaa hi kaam haen
maene aap ko taknik ki baat kahin aur aap ko us mae aakrosh dikha rahaa haen
khud hii aap tippani ae raay mantey haen
kshmaa karey naa chahtey huae huae bhi likhna padha yae kament
रचना, मेरे प्रोफाईल पर उंगली न उठाओ तो अच्छा है , कितना जानती हो मेरे बारे में , यह सही है कि मैं ब्लोगोत्सव से जुडी हूँ और रविन्द्र जी की प्रशंसक हूँ लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मेरा कोई बजूद नहीं है ! मैं जिस क्षेत्र से जुडी हूँ वहां केवल अपना ही सिक्का चलता है , व्यस्तता के कारण ब्लॉग पर कम आती हूँ मगर जब भी आती हूँ एक अच्छे पाठक की हैसियत से अच्छी चीजों को पढ़ने के लिए ....तुम्हारी तरह शिकवा-शिकायत करने के लिए नहीं ! मेरे बारे में विस्तार से जानना हो तो मेरे मेल mala.chaubey@gmail.com पर आओ - मैं बताऊंगी कि मैं कौन हूँ , सुनकर तुम्हारे होश फाकता हो जायेंगे, यह मेरा विश्वास है !
जवाब देंहटाएंअच्छी श्रंखला चल रही है, काफ़ी नई बातें पता चल रही हैं।
जवाब देंहटाएंजब मैच खत्म हो जाए तो बताईयेगा जरूर , पब्ल्कि दीवाली से पहले सब बम पटाखे फ़ोडने को बेताब है ..........
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ! !
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
नज़र रखें हैं :)
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंदीपावली की बधाई
जवाब देंहटाएंसर, एक चीज जो मुझसे छूट गयी थी, वह अवश्य बताना चाहूंगा, २००५ में मैंने freewebs.com/khabardar पर लिखना प्रारम्भ किया था. यह नियमित लेखन नहीं था. दस दिन, बीस दिन, महीना भर में लिखता था. यूनीकोड का पता नहीं था, इसलिये लीप में लिखता, वर्ड में पेस्ट करता और फिर पेज का लिंक मुख्य पृष्ठ पर दे देता था. blogspot, wordpress जैसी sites की अधिक जानकारी नहीं थी और न ही गंभीरता से लिया था. इस पेज को अपडेट करने के लिये notepad में html में लिखता और फिर index page को अपलोड करता.. महोदय, इसलिये मेरा नियमितीकरण तो २००८ में ही हुआ मानिये. और इसमें कोई विवाद नहीं...
जवाब देंहटाएंइसलिये मुझे आप प्रारम्भिक ब्लागर्स की श्रेणी में न रखें... क्योंकि वह लेखन नियमित नहीं था, उसमें टिप्पणियों की कोई सुविधा नहीं थी, उसके लिये किसी ब्लाग संचयक में नहीं जोड़ा गया था और न ही नियमित पाठक थे... मेरी टिप्पणी सिर्फ इस वजह से थी क्योंकि मैंने एक ब्लाग से दूसरे ब्लाग में शिफ्ट किया था.. आपका आभार....
जवाब देंहटाएंDIPAwali MUbarak !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंaapakaa aabhaar bhaaratiy naagarik ji,
जवाब देंहटाएंachchhaa lagaa baastavik vastusthiti se awagat hokar ....aapakaa pun: aabhaar